अब बच्चों को स्कूलों में पढ़ाई जाएगी एआई, नीति आयोग ने लॉन्च किया एआई बेस्ड मॉड्यूल

नीति आयोग ने स्टूडेंट्स को नई टेक्नोलॉजी सिखाने के मकसद से गुरुवार को देश के स्कूलों में एआई बेस्ड मॉड्यूल लॉन्च किया। अटल इनोवेशन मिशन के तहत इस मॉड्यूल को नीति आयोग ने नेशनल असोसिएशन ऑफ सॉफ्यवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज (एनएएसएसओएम) के साथ मिलकर शुरू किया हैं। इस मॉड्यूल में स्टूडेंट्स को एक्टिविटीज, वीडियो और एक्सपेरिमेंट्स के जरिए एआई के अलग-अलग कॉन्सेप्ट्स के बारे में समझाया जाएगा।


जीडीपी दर बढ़ा सकता है एआई
वहीं इस बारे में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने बताया मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से देश की वार्षिक जीडीपी दर में 1.3% की बढ़ोतरी हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मॉड्यूल से पढ़ाई को साथ खेल-खेल में एआई को समझना ओर फिर आगे जॉब में इसका इस्तेमाल काफी मजेदार होगा। हम चाहते हैं कि बच्चों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक मजेदार अनुभव हो जिससे वह इसे आसानी से समझकर देश को आगे ले जाने में अपना रोल निभा सकें।


21वीं सदी का जरूरी हिस्सा एआई
नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन के मिशन डायरेक्टर आर.रामानन का मानना है कि एआई 21वीं सदी का एक जरूरी हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इस सदी के इस जरूरी हिस्से को करीब 25 लाख बच्चों तक पहुंचाने पर हमें गर्व है। साथ ही उन्होंन यह भी बताया कि लर्न इट यूअरसेल्फ नामक इस मॉड्यूल के जरिए बच्चों के काफी कुछ सीखने और जानने को मिलेगा। एनएएसएसओएम के अध्यक्ष देबजानी घोष ने कहा कि आज दुनिया भर में इकोनॉमिक्स ग्रोथ का एआई एक महत्वपूर्ण हिस्सा है,जो भविष्य में आने वाली इस्तेमाल होने टेक्नोलॉजी में से एक है। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों के एआई सिखाने के लिए नीति आयोग की तरफ से लिया गया यह एक अच्छा फैसला है।